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Avdhootnandani - An Ecocare LLP

“गौशालाओं को आत्मनिर्भर करने हेतु विष मुक्त उत्पादों के निर्माण का एक प्रयोग”

हमारे सभी उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय जैविक मानकों के अनुरूप हैं



वर्तमान समय का संदर्भ

पूर्व में अन्योनाश्रित गाय और कृषि वर्तमान समय में एक दुसरे से अलग हो चुके है | रासायनिक खादों के प्रयोग से उपज में बढोतरी को देख किसान अनजाने में अपनी खेती की जमीन को जहर से भरता जा रहा है | ये आवश्यक नहीं की गौवंश दूध देने वाला हो, क्यूंकि सारा काम गोबर गौमूत्र से ही चल जायेगा | किसान गाय के गोबर गौ-मूत्र का प्रयोग खेती में भूल गया है | देशी गाय के गोबर गौ मूत्र से धरती की उपजाऊ क्षमता बढ जाती है | आज वर्तमान समय में किसान ना तो गाय रखता है ना ही गौ शाला से संपर्क कर उनके गोबर गौ मुत्र का उपयोग खेती में करता है | यदि गौशाला के गोबर और गौमूत्र का उपयोग खेती के कार्य में हो तो इससे गौशाला को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी और धरती विष मुक्त होगी |

सबसे बड़ी बात देश में बड़ी मात्रा में होने वाला अवैध गौवध का होना रुकेगा, गौ माता क़त्लखाने में जाने से बचेगी |



हमारा उद्देश्य

हमारे प्रयोग से गौपालकों को नियमित गोबर एवं गौमूत्र के प्रबंधन से मुक्ति मिलेगी, आय का नियमित साधन गौमूत्र और गोबर हो जायेगा | गौशाला की दानदाताओ पर निर्भरता न्यूनतम हो जाएगी | गौमाता की महत्ता हेतु गौशाला कृषि के ज्ञानकेंद्र, संसाधन केंद्र के रूप में विकसित होगी | सबसे बड़ी बात गौशाला आत्मनिर्भर होगी | “गौमय वसते लक्ष्मी” का भाव चरितार्थ होगा|

रसायनों के रूप में धरती में जहर जाने से बचेगा | जो जैविक लेना चाहते है उनके लिए तुरंत उपयोग हेतु जैविक खाद और ग्रोथ प्रमोटर मिल सकेगा | जैविक कृषि को व्यापक आधार मिलेगा, जैविक रकबा देश में काफी तेजी से बढेगा | जैविक खाद उत्पादों को वैधानिकता मिल जाएगी | किसानो की उत्पादन की लागत घटेगी | खुल्ली घुमती गौमाता से कृषि में होने वाले नुक्सान के स्थान पर किसान को लाभ होगा | इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए यह हमारा एक प्रयोग है |